USDINR Trading Option Strategy: Unleashing Success
(“सफलता की उड़ान: USDINR ट्रेडिंग ऑप्शन स्ट्रैटेजी”)
नमस्कार दोस्तों स्वागत है एक और नए ब्लॉग में एक नयी स्ट्रेटेजी के साथ। आज हम बात करेंगे करेंसी ट्रेडिंग के बारे में यह पर्सनली मेरा फेवरेट ट्रेडिंग है इसकी एक खास बात यह है कि यदि आप करेंसी के चार्ट को अच्छे से पड़ सकते हैं तो आप बहुत कम इन्वेस्टमेंट में अच्छा प्रॉफिट कमा सकते हैं ऑप्शन ट्रेडिंग के जरिये। स्ट्रेटेजी बताने से पहले करेंसी ट्रेडिंग के बारे में कुछ जान लेते हैं।
Currency Trading: समझने का आसान तरीका
करेंसी ट्रेडिंग या फॉरेक्स ट्रेडिंग, आज कल बहुत ही पॉपुलर तरीके से पैसा लगाने का एक तरीका है। आम लोगों को शेयर मार्केट के बारे में सुना होता है, लेकिन फॉरेक्स ट्रेडिंग भी एक आसान और समझने में आसान है। चलिए, इसके बारे में थोड़ा और जान लेते हैं।
Currency Trading क्या है?
करेंसी ट्रेडिंग का मतलब है किसी भी देश की मुद्रा को खरीदना या बेचना, ताकि उसमें होने वाले बदलाव से लाभ उठाया जा सके। यह एक बड़ा बाजार है, जहां हर दिन करोड़ों रुपये का व्यापार होता है। यहां पर आप डॉलर, यूरो, या येन जैसी मुख्य मुद्राओं में व्यापार कर सकते हैं।
Trading कैसे होती है?
फॉरेक्स ट्रेडिंग 24 घंटे के दौरान होती है, लेकिन इसमें तीन अलग-अलग समय होते हैं – यूरोपीय, एशियाई, और यूनाइटेड स्टेट्स का। हर समय में अलग-अलग मुद्राओं का व्यापार होता है।
क्या है फायदा?
फॉरेक्स ट्रेडिंग में छोटे लॉट साइज़ का उपयोग करके नुकसान को कम किया जा सकता है। इसमें रिस्क कम होता है और नए ट्रेडर भी इसमें आसानी से शामिल हो सकते हैं। इसमें आपको एक अच्छी समझ और सही रणनीति की ज़रूरत होती है।
Market के प्रभाव
फॉरेक्स मार्केट में कई प्रभाव होते हैं जैसे सप्लाई और डिमांड का प्रभाव, आर्थिक डेटा, और राजनीतिक तनाव। इन सभी प्रभावों को समझना महत्वपूर्ण है अगर आप करेंसी ट्रेडिंग में सफलता प्राप्त करना चाहते हैं।
फॉरेक्स ट्रेडिंग एक महत्वपूर्ण निवेश माध्यम है, लेकिन इसमें रिस्क भी होता है। इसलिए, शुरुआत में छोटे लॉट साइज़ का उपयोग करके और सही रणनीति अपनाकर आप अपने निवेश को सुरक्षित रख सकते हैं। याद रखें, ज्ञान और समझ ही आपको यहाँ तक पहुंचा सकते हैं।
USDINR Option Trading Strategy:
अब में आपको बताने जा रही हूँ एक ऐसी स्ट्रेटेजी जिसका सेटअप आपको कभी २ मिलेगा लेकिन जब भी मिलेगा १००% आपको प्रॉफिट देगा।जैसा कि हम करेंसी ट्रेडिंग की बात कर रहे हैं तो में बताने जा रही हूँ usdinr option trading strategy इस स्ट्रेटेजी के लिए आपको usdinr के चार्ट के साथ साथ particular ऑप्शन का भी चार्ट स्टडी करना होता है।
इस स्ट्रेटेजी के लिए आपको usdinr के monthly चार्ट में कुछ इंडीकेटर्स को लगाना है पहला इंडिकेटर Bollinger Band है और दूसरा इंडिकेटर है Pivot Point ।
USDINR OPTION TRADING STRATEGY
नीचे दिखाया गया चार्ट USDINR का daily Time frame का चार्ट है जिसमे Bollinger Band और Pivot Point दोनों इंडीकेटर्स लगाए गए हैं। अब आपको चार्ट की ही तरह Trend Line मार्क करनी है। इसमें आपको एक और इंडिकेटर की जरुरत होगी जो है Volume। आप देख सकते है कि USDINR Price Pivot Point, Bollinger Band के Lower Band और Trend Line तीनो सपोर्ट से रिवर्स हुआ है,जिसके साथ Volume भी increase हुए हैं ।
इसके साथ आपको एक काम और करना है वो यह कि आपको USDINR Option Chain में यह चेक करना है कि इस प्राइस के पास ही Put Side साइड सबसे ज्यादा Interest होना चाहिए। ये तो बात हुई USDINR के चार्ट की अब आपको ऑप्शन के चार्ट को स्टडी करना करना है अब आप यह पूछेंगे कि USDINR के इतने ऑप्शन होते है तो हम किस ऑप्शन को देखेंगे? तो इसके लिए तो आपको ही मेहनत करनी होगी आपको spot price के upper side के ऑप्शन के चार्ट को देखना होगा। और जिस ऑप्शन का प्राइस सपोर्ट पर हो उस ही ऑप्शन में ट्रेड करना है और आपको एक बात का और ध्यान रखना है कि ऑप्शन की expiry में कम से कम 10 से 12 दिन का टाइम हो।
यह चार्ट
यह चार्ट USDINR 24 March 82.75 CE का है इसमें आप देख सकते हैं की प्राइस अपने सपोर्ट लेवल से ऊपर गया है। अब बारी आती है ट्रेड लेने की, कि हमें ट्रेड कहा पर लेना है? ट्रेड लेने के लिए हम 15 Min चार्ट पर जायेंगे जैसा इमेज में दिखाया है। एक बात का आपको ध्यान रखना है कि आपको जिस ऑप्शन में ट्रेड लेना है यह उसका चार्ट है इसमें Pivot Point, 10 DMA, 20 DMA और Volume indicators
होने चाहिए। आपको 15 Min में ट्रेंड लाइन मार्क करनी है और जैसे ही मूविंग एवरेज का क्रॉसओवर हो आपको अपना ट्रेड लेना है जिसका Stoploss आप ट्रैंड लाइन या सपोर्ट लाइन पर रख सकते है और अपने टारगेट को सेट करने के लिए आपको डेली टाइम फ्रेम के चार्ट के 10 dma और 20 dma को ध्यान में रखना है।
1st Target – 10DMA
2nd Target – 20 DMA
3rd Target – Pivot Point
कोई भी स्ट्रेटेजी को फॉलो करने से पहले उसे आप उसकी प्रैक्टिस करें जब लगे कि हाँ आप इसे अच्छे से समझ गए हैं तभी इसे प्रयोग में लाए। पहला टारगेट आने पर अपने स्टॉपलॉस को ट्रेल करें। अगर आपको ये स्ट्रेटेजी पसंद आये तो इस के लिए आपका धन्यवाद ।
फिर मिलेंगे एक और स्ट्रेटेजी के साथ।