Site icon SBS

Trading Indicators: Best Friend of Traders (ट्रेडिंग इंडिकेटर्स: व्यापारी का सबसे अच्छा मित्र)

Trading Indicators

Trading Indicators: Best Friend of Traders(ट्रेडिंग इंडिकेटर्स: एक व्यापारी का सबसे अच्छा मित्र)

व्यापार में सफलता पाने के लिए एक व्यापारी के पास कई उपकरण होते हैं, और इनमें से एक महत्वपूर्ण उपकरण हैं – तकनीकी संकेतक (Trading Indicators). तकनीकी संकेतक व्यापारी को शेयर या कमोडिटी की मूल्य गति को समझने में मदद करते हैं और उन्हें व्यापारिक निर्णय लेने में सहायक होते हैं। जिनका उपयोग ट्रेडर्स द्वारा बाजार की चाल की भविष्यवाणी और बेहतर ट्रेडिंग निर्णय लेने के लिए किया जाता है। ये इंडिकेटर्स ऐतिहासिक मूल्य डेटा का विश्लेषण करते हैं और ट्रेडर्स को बाजार की वर्तमान स्थिति और भविष्य की दिशा के बारे में अंतर्दृष्टि प्रदान करते हैं।

तकनीकी संकेतक(Trading Indicators) क्या हैं?

तकनीकी संकेतक(Trading Indicators) ट्रेडिंग चार्ट पर दिखाए जाने वाले ग्राफिकल प्रतीक होते हैं, जिन्हें व्यापारी अपने विश्लेषण के लिए उपयोग करते हैं। ये संकेतक व्यापारी को मूल्य की पूर्वानुमान और मूल्य गति के परिवर्तन को समझने में मदद करते हैं। तकनीकी संकेतक दो प्रकार के होते हैं – लीडिंग और लैगिंग।

लीडिंग संकेतक

लीडिंग संकेतक किसी घटना की संभावित सूचना देते हैं, यानी वे मूल्य की आगे की दिशा का सुझाव देते हैं। यह मूलभूत रूप से मूल्य गति की पूर्वानुमान करने में मदद करते हैं, और अक्सर ट्रेंड के पलटाव की सूचना देते हैं। लीडिंग संकेतक व्यापारी को निर्णय लेने में मदद कर सकते हैं, लेकिन यह महत्वपूर्ण है कि व्यापारी इन्हें सही ढंग से समझें और सतर्क रहें।

अधिकांश लीडिंग Trading Indicators को ऑसिलेटर (Oscillators) कहा जाता है, Oscillators एक प्रकार के तकनीकी विश्लेषण उपकरण हैं जो बाजार की गति और ताकत को मापते हैं। ये इंडिकेटर्स आमतौर पर एक सीमित सीमा के भीतर चलते हैं, जैसे कि 0 से 100, और बाजार की वर्तमान स्थिति और भविष्य की दिशा के बारे में अंतर्दृष्टि प्रदान करते हैं।

Oscillators का उपयोग ट्रेडर्स द्वारा विभिन्न प्रकार से किया जाता है, जिसमें शामिल हैं:

कुछ महत्वपूर्ण तकनीकी संकेतक

  1. RSI (Relative Strength Index): यह मूल्य की अधिक मजबूती और कमजोरी की माप करने के लिए उपयोग होता है।

    रिलेटिव स्ट्रेंथ इंडेक्स (RSI) एक मोमेंटम इंडिकेटर है जो बाजार की ताकत और कमजोरी को मापता है। यह 0 और 100 के बीच एक मूल्य के रूप में प्रदर्शित होता है, जहां 0 कमजोर स्थिति को दर्शाता है और 100 मजबूत स्थिति को दर्शाता है।

    RSI की गणना निम्न सूत्र का उपयोग करके की जाती है:

    RSI = 100 - (100 / (1 + RS))
    

    जहाँ,

    • RS = 14-दिनों के ऊपरी बंद के औसत / 14-दिनों के निचले बंद का औसत

    RSI का उपयोग ट्रेडर्स द्वारा बाजार में खरीदी गई और बेची गई स्थितियों की पहचान करने के लिए किया जाता है। आमतौर पर, RSI 70 से ऊपर एक खरीदी गई स्थिति को दर्शाता है, जबकि RSI 30 से नीचे एक बेची गई स्थिति को दर्शाता है। RSI का 0 और 30 के बीच रहने का मतलब है कि स्टॉक ओवरसोल्ड है, इसलिए ट्रेडर को खरीदने के अवसरों को देखना चाहिए। RSI के 70 और 100 के बीच होने को ओवरबॉट का संकेत माना जाता है, इसलिए ट्रेडर को बेचने के अवसरों को देखना चाहिए। RSI का उपयोग ट्रेडिंग सिग्नल उत्पन्न करने के लिए भी किया जा सकता है। उदाहरण के लिए, RSI 70 से ऊपर के स्तर से नीचे गिरना एक बिक्री सिग्नल हो सकता है, जबकि RSI 30 से नीचे के स्तर से ऊपर उठना एक खरीद सिग्नल हो सकता है।

    RSI एक लोकप्रिय इंडिकेटर है जिसका उपयोग विभिन्न प्रकार के बाजारों में किया जाता है, जिसमें स्टॉक, कमोडिटीज और मुद्राएं शामिल हैं। हालांकि, यह महत्वपूर्ण है कि याद रखें कि RSI एक तकनीकी विश्लेषण उपकरण है और यह 100% सही नहीं है।

    RSI का उपयोग करते समय, निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना महत्वपूर्ण है:

    यदि RSI मूल्य एक क्षेत्र में लंबे समय तक टिक जाता है, तो यह बहुत ज्यादा मोमेंटम को दिखाता है और ऐसे में रिवर्सल की संभावना कम होती है, इसलिए ऐसे में ट्रेडर को मोमेंटम की दिशा में ही ट्रेड करने पर विचार करना चाहिए।

    • RSI एक मोमेंटम इंडिकेटर है। यह बाजार की वर्तमान स्थिति को मापता है, भविष्य की दिशा की भविष्यवाणी नहीं करता है।
    • RSI का उपयोग अन्य इंडीकेटर्स के साथ करें। एकल इंडिकेटर का उपयोग करने से ट्रेडिंग निर्णय लेने में अधिक सटीकता मिल सकती है।
    • अपने स्वयं के विश्लेषण करें। RSI केवल एक उपकरण है। ट्रेडिंग निर्णय लेने से पहले, अपने स्वयं के विश्लेषण करें और जोखिम प्रबंधन का पालन करें।
  2. MACD (Moving Average Convergence Divergence): इससे मूल्य की गति और त्रेण्ड की स्थिति की पुष्टि की जाती है।

MACD, या मूविंग एवरेज कन्वर्जेंस और डिवर्जेंस, एक ट्रेंड-फॉलोइंग इंडिकेटर है जो दो एक्सपोनेंशियल मूविंग एवरेज (EMA) के बीच के अंतर का उपयोग करके बाजार की प्रवृत्ति की पहचान करने में मदद करता है।

MACD में तीन घटक होते हैं:

MACD का उपयोग विभिन्न प्रकार के ट्रेडिंग सिग्नल उत्पन्न करने के लिए किया जा सकता है, जिसमें शामिल हैं:

MACD एक लोकप्रिय Trading Indicators है जिसका उपयोग विभिन्न प्रकार के बाजारों में किया जाता है, जिसमें स्टॉक, कमोडिटीज और मुद्राएं शामिल हैं। हालांकि, यह महत्वपूर्ण है कि याद रखें कि MACD एक तकनीकी विश्लेषण उपकरण है और यह 100% सही नहीं है।

MACD का उपयोग करते समय, निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना महत्वपूर्ण है:

जैसा कि आप चार्ट में देख सकते हैं RSI और MACD दोनों ही Trading Indicators में सेल सिग्नल जेनेरेट हुआ है। RSI एक लीडिंग इंडिकेटर है तो इसमें सिग्नल पहले आएगा और लैगिंग में बाद में सिग्नल आएगा। ट्रेडिंग में किसी एक इंडिकेटर के आधार पर आप निर्णय नहीं लिया जा सकता है, इसके लिए आपको एक चेकलिस्ट बनाने कि जरुरत है। इस चेकलिस्ट में आप उन इंडीकेटर्स को शामिल कर सकते हैं जिनका आपको पूरा ज्ञान है। कोई भी ट्रेड लेने से पहले अपनी चेकलिस्ट को अच्छे से परख ले उसी के बाद ट्रेड का निर्णय लें।

अगर आप चार्ट में देखे तो आपको क्या समझ आया ? पहला पॉइंट कि स्टॉक ने अपने रेजिस्टेंस के पास बेयरिश कैंडल (डोजी) बनाई है जिसका अर्थ है कि प्राइस इस जोन से पलट सकता है।। २. RSI ओवरसोल्ड जोन में है और यहाँ से हमें स्टॉक को शार्ट करने कि और ध्यान देना है। ३. स्टॉक ने trend लाइन को ब्रेक किया है और ४. MACD भी सेल सिग्नल दे रहा है जब हमें ये सारे इंडीकेटर्स स्टॉक को शार्ट करने के सिग्नल दे रहे हैं तो हम ट्रेड लेने के लिए तैयार हैं। इसके साथ ही हमें अपने स्टॉपलॉस का ध्यान भी रखना है, अगर शेयर का प्राइस स्टॉपलॉस हिट करता है तो हमें तुरंत ही इस ट्रेड से निकल जाना है।

ट्रेडिंग इंडिकेटर्स(Trading Indicators)के लाभ:

ट्रेडिंग इंडिकेटर्स(Trading Indicators) की सीमाएं:

ट्रेडिंग इंडिकेटर्स(Trading Indicators)का उपयोग करते समय, यह महत्वपूर्ण है कि ट्रेडर्स निम्नलिखित बातों को ध्यान में रखें:

आशा है कि यह जानकारी आपके लिए उपयोगी होगी।

Exit mobile version