
Bollinger Band Squeeze Strategy(बोलिंजर बैंड स्क्वीज़ स्ट्रैटेजी)
Bollinger Band Squeeze Strategy(बोलिंजर बैंड स्क्वीज़ स्ट्रैटेजी)
Bollinger Band क्या है ?
Bollinger Band Squeeze Strategy को समझने से पहले हमें यह समझना होगा कि बोलिंगर बैंड क्या है ? बोलिंजर बैंड (Bollinger Bands) एक चार्ट टूल हैं जो वित्तीय बाजार में कीमत की स्थिति और मूल्य वोलैटिलिटी को मापन करने के लिए प्रयुक्त होते हैं। इन्हें जॉन बोलिंजर (John Bollinger) ने विकसित किया था, और ये ट्रेडिंग और निवेश समुदाय में बहुत प्रसिद्ध हैं।बोलिंजर बैंड चार्ट पर तीन प्रमुख अंशों से मिलकर बने होते हैं , मूल्य कीमत (Price) यह चार्ट पर किसी विशेष सुरक्षा या संपत्ति की मूल्य की गति को दर्शाता है। ऊपरी बैंड (Upper Band): यह एक दो मूल्य स्तरों का संचिकित बैंड होता है, जो ऊपरी सीमा को दर्शाता है और मूल्य के ऊपरी सीमा की प्रति संभावित प्रतिबंध की स्थिति को मापता है। निचले बैंड (Lower Band): यह भी एक दो मूल्य स्तरों का संचिकित बैंड होता है, जो निचली सीमा को दर्शाता है और मूल्य के निचले सीमा की प्रति संभावित प्रतिबंध की स्थिति को मापता है।
Bollinger Band Squeeze क्या है ?
कुछ बाजार स्थितियों के दौरान, बोलिंजर बैंड संकुचित हो जाते हैं, जिसके कारण ऊपरी और निचले बैंड एक-दूसरे के पास आते हैं, जिसे “स्क्वीज़”(Squeeze) कहा जाता है।बोलिंजर बैंड में स्क्वीज़ की स्थिति तब बनती है जब किसी भी स्टॉक या एसेट के प्राइस में वोलैटिलिटी कम हो जिसके कारण प्राइस एक फिक्स दायरे में ही ट्रेड करता है, इसी को ट्रेडिंग की भाषा में consolidation phase कहा जाता है । इस consolidation phase के ख़तम होने के बाद एक्सट्रीम वोलैटिलिटी के कारण प्राइस में जो मूवमेंट होगा, इस स्ट्रैटेजी का यूज़ करके ट्रेडर्स वहां पर प्रॉफिट कमा सकते हैं। इस स्ट्रैटेजी को लागू करने के लिए, ट्रेडर्स धैर्य से बोलिंजर बैंड को उनके सबसे नजदीकी बिंदु तक संकुचित होने का इंतजार करते हैं। एक बार जब इस संकुचन होता है, तो वे एक ब्रेकआउट की आशा करते हैं, जिसका सूचना देता है कि एक नई चाल की शुरुआत हो रही है, जिसका परिणाम रूप में तेज कीमत अस्थिरता होती है, जिससे नए ट्रेंड की शुरुआत की संकेत होती है।
Bollinger Band Squeeze Strategy का प्रयोग कैसे करें?
बोलिंजर बैंड स्क्वीज़ एक पावरफुल स्ट्रैटेजी है जिसका उपयोग ट्रेडर्स करते हैं ताकि वे बाजार में प्राइस के कंसोलिडेशन पीरियड की पहचान कर सकें और इस कंसोलिडेशन के समाप्त होने पर प्राइस में होने वाले ब्रेकआउट या ब्रेकडाउन का अनुमान लगा कर प्रॉफिट कमा सकें।
इस स्ट्रेटजी का प्रयोग करने के लिए हमें सबसे पहले हमें ऐसे स्टॉक को ढूंढ़ना है जो एक consolidation phase में है, अब इसका पता आप कैसे लगाएंगे? इसके लिए आपको अपने चार्ट के Indicators में Bollinger Bands और Bollinger Bands Width को सेलेक्ट करना होगा। इस स्ट्रेटजी का प्रयोग आप इंट्राडे, स्विंग और इन्वेस्टमेंट ट्रेडिंग मतलब किसी भी तरह की ट्रेडिंग के लिए कर सकते हैं।
दोनों इंडीकेटर्स को सेलेक्ट करने के बाद आपको स्टॉक के चार्ट में यह देखना है कि बोलिंगर बैंड्स का upper band and lower band दोनों का गैप काफी कम हो गया हो माने बोलिंगर बैंड squeeze हो गया है। इसके बाद हमें bollinger bands width को देखना है, ध्यान रहे ये एक स्ट्रैट लाइन में होना चाहिए और दूसरा ये बॉटम के पास होना चाहिए।
Next step है, support and resistance मार्क करना, अब आपको स्क्वीज़ एरिया पर प्राइस के lowest point और highest point को मार्क करना है,दोनों एरिया को आप एक horizontal line से मार्क कर सकते है जैसा कि इमेज में दिखाया है।
आप जिस भी टाइम फ्रेम में इस स्ट्रेटेजी का प्रयोग करेंगे आपको यह देखना होगा कि जैसे ही प्राइस Support/Resistance line को ब्रेक करके line के बहार closing दे, उसकी अगली कैंडल बनते ही आपने ट्रेड लेना है। अगर प्राइस support को ब्रेक करके क्लोज देता है तो sell side/put और यदि Resistance को ब्रेक करके क्लोज दे तो buy side/call का option लेना है।
अब बात करते है टारगेट और स्टॉपलॉस की। आपको अपने स्टॉपलॉस को squeeze के बॉटम मतलब कि Support Line पर रखना है। टारगेट के लिए आपको अपने चार्ट पैटर्न को देखना है और 1st टारगेट चार्ट के 1st स्विंग पर सेट करना है। एक बार प्राइस के ऊपर जाने के बाद आपने अपने स्टॉपलॉस को ट्रेल करते रहना है,पहला टारगेट पर आने के बाद आपने अपने स्टॉपलॉस को Bollinger band कि Middle line पर ले आना है। अगर आप Pivot Point का इस्तेमाल करते है तो उसके according अपना टारगेट सेट कर सकते हैं।
अगरआप इस स्ट्रेटेजी का इस्तेमाल करके प्रॉफिट कमाना चाहते हैं, तो पहले कुछ समय कुछ दिनों के लिए इसको observe करें, पेपर ट्रेड करें, जब आपको लगे कि आप इस स्ट्रेटेजी का अच्छे से समझ गए हैं उसके बाद कम quantity में ट्रेड करें। धीरे-धीरे प्रैक्टिस करने के बाद आप इसका प्रयोग करके शेयर बाज़ार से अच्छा प्रॉफिट कमा सकते हैं।
1 comment
Bollinger Band Hero Zero Trading Strategy February 20, 2024
[…] सेक्शन में जाने के बाद, आपको बोलिंजर बैंड्स को सेलेक्ट करना होगा। यह आमतौर पर […]